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काला धुआँ / अशोक शुभदर्शी
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बीमार छै मन
बीमार छै तन, आरो
संकटोॅ में
अपनोॅ गाँव, नगर देश .....
हिन्नें-हुन्नें छिरयैलोॅ जिनगी
जन रोॅ जीवन
आरो संकटोॅ में
अपनोॅ गाँव, नगर, देश......
रंग, जाति, संप्रदाय में
बँटलोॅ शक्ति
आरो
संकटोॅ में
अपनोॅ गाँव, नगर, देश ............
कुबेर केॅ लिप्सा
कानतें-बिलखतें लोग
आरो
काला धुआँ में फंसलोॅ
अपनोॅ गाँव, नगर, देश ......।