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प्रेम टाईमपास नै छेकै / अशोक शुभदर्शी
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प्रेम टाईमपास नै छेकै
जेनां कि
झरना
जेनां कि
लहरोॅ केॅ उठना-गिरना
जेनां कि
किसान के खेतोॅ पर जाना
जेनां कि
चहचहाना चिड़िया के
जेनां कि
शामिल होना युद्ध में
सिपाही के
एकरै में सेॅ कोनोॅ एक
जे नाटकीय नै छै
एकदम्मे
सच छै
प्रेम होय छै ।