भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

उम्मीदवार / अशोक शुभदर्शी

Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:29, 23 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अशोक शुभदर्शी |अनुवादक= |संग्रह=ज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हुनी राखै छै पाली केॅ
ढेरी सिनी उम्मीद
दोसरा सें

हुनी लागलोॅ रहै छै
पूरा कराय में
आपनोॅ एक-एक उम्मीद केॅ
दोसरा सें

लेकिन हुनकोॅ होय छै
यहोॅ उम्मीद कि
नै करै कोय
हुनका सें कोनोॅ उम्मीद
हुनी तबेॅ माँगेॅ लागै छै
जबेॅ कोय बाँधै छै
हुनका सें कोनोॅ उम्मीद ।