Last modified on 23 जून 2017, at 10:57

भैंसा सनक मनुसवा गे बहिनो / अंगिका

Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:57, 23 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=अंगिका }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

भैंसा सनक मनुसवा गे बहिनो
बजर सन गात हे ।
मोंछ रानू बँहिगा, सनसन आवे हे ।
जब तूँ आहे कोसिका हमो डुबइबे
आनब हम अस्सी मन कोदारि ।
अस्सी मन कोदरिया रे रानो,
बेरासी मन बेंट
आगू-आगू धसना धाय ।।