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मास्टर / कैलाश झा ‘किंकर’

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मास्टर केॅ मस्टरबा कहभो,
तेॅ बच्चा पढ़तोॅ कहियो नै ।
ऐतोॅ -जैतोॅ स्कूल लेकिन,
आगू बढतोॅ कहियो नै ।।

उत्स ज्ञान के गुरुवे छथनी गुरुवे सेॅ इंजोर छै ।
देखै नै छो तीस बरस सेॅ , केहन घटा-घनघोर छै ।
रहलोॅ इहे हाल अगर तेॅ
देश सुधरतोॅ कहियो नै ।

वेतन जब सेॅ मिलै लगलै, गुरु चढ़ल छोॅ ऐंख पर ।
जब विकास केॅ सीढ़ी मिललै चोट करै छोॅ पैंख पर ।
नौकर जब तक बुझतें रहभोॅ
ज्ञान मँजरतोॅ कहियो नै ।

गुरु तेॅ ब्रह्मा,विष्णु,शिव केॅ धरती पर अवतार छथिन ।
गुरु तेॅ भवसागर तरवैया माँझी के पतवार छथिन ।
मिलतै नै सम्मान गुरु केॅ
तेॅ स्वर्ग उतरतोॅ कहियो नै ।