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दोहा मन्दाकिनी, पृष्ठ-52 / दिनेश बाबा
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खोॅर भले नैं पेट में, हवा मिलै छै सुद्ध
‘बाबा’ जप जारी रखो, बनभो गौतम बुद्ध
410
बहुत हेकड़ी करीला, अमरीका बिरटेन
इस्लामी बम लैकरी, ऐथौं बिन लादेन
411
बड़ी तबाही भेल छै, ध्वस्त होलै इराक
बुस क्लिंटन केॅ लगै छै, बढ़लै हुनको धाक
412
मनमानी के होय छै, एक जरूरी अंत
राजनीति विद्वेष में, पकड़ैलसे छै संत
413
कनक सुभावों सें नरम, कड़ा करै छै खाद
प्रेम प्रताड़ित होय के, बनेॅ सकेॅ जल्लाद
414
आज न छै ऊ हैसियत, नै हौ छिकै रसूख
‘बाबा’ सुखलो रस जकां, भेॅ गेलों हम ऊख
415
रिस्वत नें ईमान केॅ, जे देनें छै क्लेस
घुसखोरी के लहर सें, रोगग्रस्त छै देस
416
लाचारी तेॅ होय छै, सब लेली अभिसाप
एक मतर संकल्प ही, मेटी दै छै पाप