भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दोहा मन्दाकिनी, पृष्ठ-87 / दिनेश बाबा
Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:15, 25 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिनेश बाबा |अनुवादक= |संग्रह=दोहा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
689
रोजे काॅलोफायलम, तीन मास जौं खाय
प्रिग्नेंसी के केस में ईजी बर्थ कराय
690
अनपच में पल्साटिला, आ प्रसवो के दर्द
कोनियम नें भी करै छै, नामर्दो केॅ मर्द
691
मूहों में दुर्गंध छौं, या चूवै छौं लार
मर्कसोल सेवन करी, स्वस्थ हुवै बीमार
692
नित बिस्तर गीला करै, खोंटै अपनों नाक
दू सौ पावर के सिना, दीयै तीन खुराक
693
कमजोरी में चायना, कारण हुवै रिसाव
स्वास्थ लाभ लेली मतर एसिड फाॅस खिलाव
694
दस्तो में मरक्यूरियस थर्टी करथौं काम
सिपिया दू सौ करै छै, झांई, प्रदर अराम
695
राजबटी, हिंग्वास्टक गैस्टिक में जे खाय
छिकै कुमारी आसबो, गैस्टिके रो दवाय
696
पाचक रं उपलब्ध छै हजमोला, पचनोल
लार चुऐ देखी करी, खा ‘बाबा’ मुँह खोल