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म्हनै ई दे देवो / विजय सिंह नाहटा

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भाख फाटी
सूनी डाळी माथै
चिड़कली चिंचाट कर्यो
म्हारै अंतस में
सूती कळ्यां मैकी
एक लाय
भीतर ई लागी
याचक हूं
इण छिण
अब एक अनसवर
म्हनै ई दे देवो।