भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अकथ कथा / संजय पुरोहित

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:00, 26 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संजय पुरोहित |अनुवादक= |संग्रह=था...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

थारै नैणां झरता
आंसूड़ां सूं ठुमकती
म्हारी आस री बाट
थारै आंसूड़ा री सी‘ल सूं
ऊजळती जोत
थांरी म्हारी प्रीत री
अकथ कथा रचैला
कथैला कोई बावळो
उण नै
बांचैला कोई सांवरो
बांचतां ई
नीवड़ जावैला
नेह री आ गाथा
अंधारै री रिंधरोई में
भेळी हो जावैला
उण टोळी में
जिण रो
इतिहास रै पान्नां में
नीं लाधैला कठैई
कोई जिकर
रत्ती भर।