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जूण रा इग्यारा चितराम (10) / सुरेन्द्र सुन्दरम
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थूं
फूटरी घणीं लागै
जद थूं
म्हां सूं
दूर होवै।
थूं
ओज्यूं
फूटरी होवण
म्हां सूं दूर
कद जासी।