भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मा -3 / दीनदयाल शर्मा

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:41, 29 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीनदयाल शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बरत
भौत राखै मा
कदी इकांतरै
तो कदी लगौतार

पछै तुळछी सींचै
अर
सूरज जी नै
ढाळै गडियौ

तद
म्हां सगळां
खातर मांगै
मा
भगवान सूं आसीरवाद
नीरोग काया सारू।