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म्हूं नीं जा सक्यौ मिंदर / दीनदयाल शर्मा

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का'ल
म्हूं
मिंदर नीं जा सक्यौ
क्यूं कै
पाड़ौस रै
बीमार बाबै नै
दिखाण सारू
लागग्यौ टैम

अर
आज भी म्हूं
नीं जा सक्यौ
मिंदर
क्यूं कै
आज
पाड़ौस रै
चौथै घर रौ
तीजी क्लास में
पढणआळौ जसप्रीत
घर रै
दुराजै माथै खड़्यौ
आपरी बेबसी बतावै हो

कै पापा ड्यूटी माथै
बारै है
मम्मी भी
चली गई ड्यूटी ,
अर
म्हारै इस्कूल री
निकळगी बस
म्हारी परीक्सा भी है आज

प्लीज
मन्नै छोडिआओगा के

म्हूं सम्मोहित होग्यौ
बींरी बातां सूं

पछै
पूजा री थाळी
जिण में
म्‍हूं
सजा राख्यौ
गंगाजळ रौ गडियौ
चंदण रौ धूप
छोटौ सो दीयौ
अर बोगेनवेलिया रा
गुलाबी फूल

थाळी नै
अेक कानी
खुणै में धर'र
म्हूं जसप्रीत नै
इस्कूल छोडण सारू
चाल पड़्यौ बींरै साथै
इस्कूटर लेय'र

का'ल अर आज
मन्नै
मिंदर नीं जाणै रौ
कोई दु:ख नीं हो

क्यूं कै
म्हूं
का'ल देख्यौ
बीमार बाबै रै
मुंडै माथै
संतोष रौ भाव

अर
आज देख्यौ
म्ह
जसप्रीत री
आँख्यां में
अपणायत रौ च्यानणौ।