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मेरौ घर / दीनदयाल शर्मा

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मेरै मोहल्लै में
बणाया है
लोगां
बडा-बडा बंगला
अर लूंठी-लूंठी कोठ्यां

जठै
पांखी भी
नीं मार सकै 'पर'
अर
पून नै भी
भीतर आण सारू
जरूत पड़ै
इजाजत री

अर इन्नै
मेरौ छोटौ सो घर
कोठी-बंगलां रै बिचाळै
खड़्यौ है

नान्हो सो
भोळौ सो
टाबर दांईं
सिर कुचरतौ
आकास कानी झांकतौ
अर
आपरै पांती रौ
तावड़ौ भाळतौ।