भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अचंभौ / दुष्यन्त जोशी

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:07, 29 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दुष्यन्त जोशी |अनुवादक= |संग्रह=अ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अचंभै वाळी बात सुण'र भी
अचंभौ नीं करै

म्‍हूं देख्या
आँख्यां वाळा आंधा
अर जीभ हुवतां थकां
गूंगा मिनख नै

मिनख
क्‍यूं नीं देखै
अर
किंयां रै'वै मून
इत्ती भीड़ में ?