भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
टाबर-६ / दुष्यन्त जोशी
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:14, 29 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दुष्यन्त जोशी |अनुवादक= |संग्रह=अ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
टाबर
क्यूं नीं खेलै
माटी में
टाबर
क्यूं नीं न्हावै
बिरखा में
टाबर
क्यूं नीं चलावै
बिरखा रै पाणी में
कागद री नाव
टाबर
कद पकड़सी
तितल्यां
टाबर
कद चला सी
कुर्सी या पिड्डै नै
गाडी दांईं
अेड़ा खेल
क्यूं नीं खेलै टाबर
कठीनै गया टाबर ?