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मर्न बरू गाह्रो हुन्न / तीर्थराज तुलाधर

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मर्न बरू गाह्रो हुन्न
तिम्रो माया मार्नै सकिनँ

वसन्तको हरियाली फूलसँगै ओइली जान्छ
नीलो भूइँको सेतो बादल हावासँगै उडी जान्छ
तर तिम्रो न्यानो माया अझै पनि न्यानो नै छ
तिम्रो माया मार्नै सकिनँ

धेरै लामो बाटो हामी सँगै-सँगै हिडिँसक्यौं
टाढा टाढा कता कता हामी दुबै पुगिसक्यौँ
तर अन्त्य यसको यहीँ भन्न अझै मनै भएन
तिम्रो माया मार्नै सकिनँ