भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नवी जिनगाणी / ॠतुप्रिया
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:51, 8 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=सपनां...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
बाबल जद टोरै
उणी टैम
टुरज्यै बेटी
अेक ई
नीं करै सुवाल
कै
किस्यौक है छोरौ
अर
किस्यौक है घरबार
हुज्यै बिदा
रोंवती-बिलखती
अर चलीज्यै
नूंईं जिनगी
सरू करण सारू
अेक नूंवैं घर में।