भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मिनख / ॠतुप्रिया
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:46, 8 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=सपनां...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
जग मायाजाळ
अर
धन माटी
पछै क्यूं करै
मिनख
चोरी अर डकैती
क्यूं ल्यै रिसपत
अर
क्यूं अपणावै
नवा-नवा हथकंडा।