भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
भाटा / ॠतुप्रिया
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:07, 8 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=सपनां...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
खाली भाठा नै
कुण पूजै
भाठा अणथाक
पड़्या है इन्नै-बीन्नै
छिणी-हथोड़ां री
मार खायर भाठा
बणै सरद्धा रौ सरूप
तद
पूजां आपां
अर
करां ध्यान-धूप।