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कोनी फोरी पूठ / मदन गोपाल लढ़ा

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बै मिनख हा
जका अबखाई में
सागो छोड़़ग्या।

रिंदरोही में
कोनी फोरी पूठ
दरखतां
बायरो अर
ओळूं
ठेठ तांई
सागै रैय'र
निभायो धरम
छेकड़ली सांस तांई!