भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
भूत / केदारमान व्यथित
Kavita Kosh से
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:51, 19 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारमान व्यथित |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
अझै लखेट्दै छ हामीलाइ त दासतापूर्ण भूतले !