भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अर्थ-सङ्केत / केदारमान व्यथित
Kavita Kosh से
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:47, 19 जुलाई 2017 का अवतरण (' {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारमान व्यथित |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
भ्रू-भङ्गकै शब्दावली त हुन् नि
अनुरागका अर्ग-सङ्केतहरु ।