भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

महत्त्वाकाङ्क्षा / केदारमान व्यथित

Kavita Kosh से
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:37, 20 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारमान व्यथित |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


प्रस्तुत
अर्थ-उदात्तता भएको
शब्द-सौष्ठवकै वाहन यी मेरा अक्षरहरु
सधैं नै अक्षर भैरहून् !