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चालना / सिनान अन्तून
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दो चलनियाँ हैं
मेरी आँखें,
लोगों के
ढेर में से,
चालती हुई
तुम्हें।
(काहिरा - अगस्त 2003)
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल