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सब कुछ बचा रहेगा / शहंशाह आलम
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सब कुछ बचा रहेगा
तीनों लोक
दसों दिशाएं
ऊपर चिडियाँ
नीचे वनस्पतियाँ
महानंदा और मेघना
छाया और धूप
जिस वृक्ष को काटा जाएगा
वह फिर खड़ा हो जाएगा
जिस स्त्री को शाप दिया जाएगा
वह शापमुक्त हो जाएगी
जो नदी सूख गयी है
वह याद की जाएगी
किसी गाथा
किसी किंवदंती में ।