भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

न्याय / लैंग्स्टन ह्यूज़ / मणिमोहन मेहता

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:43, 25 अगस्त 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लैंग्स्टन ह्यूज़ |अनुवादक=मणि मो...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

न्याय
एक अन्धी देवी है

एक ऐसी बात
जिसे हम अश्वेत
ख़ूब समझते हैं:

उसकी पट्टियाँ छुपाती हैं
उन दो पके हुए घावों को

जहाँ पहले
कभी आँखें थीं।

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : मणि मोहन