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अवकाश प्राप्त ईश्वर / मुइसेर येनिया / मणिमोहन मेहता

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मेरे भीतर
एक जड़ है
जो हर जगह मौजूद है

मेरे भीतर, कुछ है
गहन, पुरुष से ज़्यादा

मेरा दिल एक अवकाश-प्राप्त ईश्वर है
जो शासन करना भूल चुका है

मेरे भीतर
यह दुनिया है
मेरे भीतर
कुछ ज़्यादा ही दुनिया है

मेरा ज़ेहन जो खो चूका है
लहरा रहा है शून्य में

मैं मनुष्य से कुछ ज़्यादा हूँ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मणिमोहन मेहता’