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गुनाह / अर्चना कुमारी
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मालूम हैं अपने गुनाह
कि बोझ से मन झुका है
तन अवश...
माफी मांगना
खुदा घोषित कर अपना
अपनी पहुंच से छूट जाना
गुनाहों में रहना सरल है
दुआओं में रहने से।