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इज़्ज़तपुरम्-9 / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
ड्राइबर
इंजन बढ़ाये
व्यवस्था नहीं
गार्ड
झंडी दिखाये
व्यवस्था नहीं
कंडक्टर
टिकट जाँचे
व्यवस्था नहीं
मूंगफली / सँतरे
केले के छिलके
चाट / समोसे
के दोने
जिन पर आकर
भिनभिनाती हैं
हर इलाके की मक्खियाँ
जिन्हें सभ्य लोग
अक्सर
नकार दें
पर नौ साल की
गुलाबो
बीन - बहारकर
कभी हाथ से
कभी झाड़ू से
चमका कर
रख देती है
पूरी बोगी
इस काम के लिए
लोग दे देते हैं
दो -चार सिक्के उसे
भीख की तरह