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दर्द बनकर समा गया दिल में / देवी नागरानी
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दर्द बनकर समा गया दिल में
कोई महमान आ गया दिल में
चाहतें लेके कोई आया था
आग सी इक लगा गया दिल में
झूठ में सच मिला गया कोई
एक तूफां उठा गया दिल में
खुशबुओं से बदन महक उठ्ठा
फूल ऐसे खिला गया दिल में
मैं अकेली थी और अंधेरा था
जोत कोई जला गया दिल में