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कोई षडयंत्र रच रहा है क्या / देवी नागरानी
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कोई षडयंत्र रच रहा है क्या
जन्मदाता बना हुआ है क्या?
राहगीरों को मिलके राहों पर
राह को घर समझ रहा है क्या?
रात दिन किस ख़ुमार में है तू
तुझ को अपना भी कुछ पता है क्या?
सुर्खियां जुल्म की हैं चेहरे पर
इस पे खुश होने में मज़ा है क्या?
दुष्ट ‘देवी’ हो कोई तुमको क्या
छोड़ इस सोच में रखा है क्या?