भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पैरवी के युग / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:03, 9 सितम्बर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चन्द्रप्रकाश जगप्रिय |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तीतर नें
तीतरनी सें पूछलकै
कॉलेज के बैल केन्नेॅ गेलै ?
तीतरनी नें कहलकै
ई युनिवरसिटी तेॅ नामी छै
यहाँ तेॅ बंेच-डेस्क भी कैर जाय छै पास
ऊपरोॅ वाला के मर्जी केरोॅ दादा
बैल भी कैर गेल होइतै बी. ए. पास
नौकरी दे देने होइतै गांव के मुखिया
ओकरे घरोेॅ के आस-पास।