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नोटबंदी-1 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
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कोयल नें
कोयली सें कहलकै
जेकरा घर पड़ेेॅ उपास
ऊ भी/हजार-पाँच सौ के
नोट लैके भंजाय रहल रहै
कभी दूसरा के/कभी अपना खाता में
जमा कैरके होय गेलै मालामाल।