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प्रगति / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

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लाकर नें
लाकरनी सें कहलकै
एक दिन
आदमी के जहर देखै लेली
साँप भी पहुँच गेलै शहर
वै ठाम आदमी के देखि केॅ
साँप भी करै लागलै थरथर
कि ओकरो सें वेशी
आदमी के पास होय गेलै जहर।