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जीवन-6 / मथुरा नाथ सिंह ‘रानीपुरी’

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58.
नेता रोॅ बात
भाषण पर भात
पीछू सें लात।

59.
केकरोॅ रक्षा
जे नेता रोॅ हमेशा
करै सुरक्षा।

60.
अबला तोरा
अँचरा में दूध छौं
आँखी मंे पानी।

61.
वोकरे जीत
जन-मन संे जे रे
करै छै प्रीत।

62.

छेकै ई गम
जीवन सफर के
साथी छै कम।

63.
देखोॅ ईमान
सौ मंे सत्तर यहाँ
छै बेईमान।

64.
छेकै जिनगी
करोॅ नी सब्भे संग
मिली बंदगी।

65.
रंगी लेॅ तन
या रंगी लेॅ ई मन
अंत कफन।

66.
छेकै ई देश
भगवान बुद्ध के
जहाँ सन्देश।

67.
यहेॅ संसार
जीवन-मरण के
नाय आधार।

68.
अजब खेल
आदमी में नै मेल
खाली नै जेल।

69.
नया सबेरा
चोर-लुटेरा के रे
झलकै डेरा।