भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पीड़ा में होना कठिन है / गुन्नार एकिलोफ़
Kavita Kosh से
Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:37, 16 अक्टूबर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गुन्नार एकिलोफ़ |संग्रह= }} <Poem> पीड़...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
पीड़ा में होना कठिन है
पीड़ा में होना प्रेम के बिना कठिन है
प्रेम करना संभव नहीं है बिना पीड़ा में पड़े हुए
प्रेम करना कठिन है
(मूल स्वीडिश से अनुवाद : अनुपमा पाठक)