भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हिमपात / टोमास ट्रान्सटोमर
Kavita Kosh से
Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:15, 17 अक्टूबर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=टोमास ट्रान्सटोमर |संग्रह= }} <Poem> अन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
अन्त्येष्टियाँ आ रही है
करीब और करीब
ठीक रास्तों पर मिलने वाले संकेतों की तरह
जब इंसान निकट पहुँच रहा हो किसी एक शहर के.
हजारों लोगों की आँखें तकती
उस लम्बी छायायों की भूमि में.
एक सेतु निर्मित होता है स्वयं
धीरे धीरे
सीधे अंतरिक्ष से.
(मूल स्वीडिश से अनुवाद : अनुपमा पाठक)