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मायाको चिनो माला गाँसी / रवीन्द्र शाह
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मायाको चिनो माला गांसी लगाई दिउंला
नागबेली चुल्ठो तिम्रो हाँसी सजाई दीउला
आकाशको आँगनमा दौडेको चन्द्र किन
जानु अघि हामीलाई आशीष होला दिन
नौ डांडा काटी गयो दुःखको कालो रात
हो नछुट्ने भयो युग युग हाम्रो साथ