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चोट दिलमा रातदिन / म. वी. वि. शाह
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चोट दिल में रात दिन लुकाई आँसु झार्दछु
जिन्दगी भर आफ्नो तकदीर तौलंदै म जान्दछु
रात दिन लुकाई आँसु झार्दछु
पार टुक्रा यो कलेजा गर्नु सम्मन जे गर
आफ्नो वर्वादी कोसिकवा मुखमा किनल्याउँछु
रात दिन लुकाई आँसु झार्दछ
गर्दिन फरियाद ओंठले
चाहेजति दुश्मन बनुन्
दर्द दिन्छौ ताप झनझन
दिलमा अपनाउँछु । चोट...