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मंजिल पाना छै / राधेश्याम चौधरी

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मेहनत सेॅ मंजिल पाना छै,
झारखण्ड केॅ स्वर्ग बनाना छै।
झारखण्ड रोॅ स्थिति देखी,
सोचते रहै छी हरदम।
हाथोॅ मेॅ कलम लै,
लड़तेॅ रहै छियै।
कुरिति ऐलैहै बढ़ी गेलोॅ छै,
कलम तलवार नै बनी जाय
ई सोचतेॅ रहै छियै।
भुखला केॅ रोटी पियासला केॅ पानी मिलॅे
भुखमरी सेॅ हमरा नी केॅ लड़न छै।
ई बात दुनिया केॅ आपनोॅ करनी से,
बताय देना छै, सौसेॅ दुनिया जगाय देन छै।