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जब मेले में आया सर्कस / महेश कटारे सुगम
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जब मेले में आया सर्कस।
मम्मी ने दिखलाया सर्कस।
हाथी सिर रख करे प्रणाम,
रिक्शा खींचे भालू राम।
तोता जी ने तोप चलाई,
बन्दर ने बाँसुरी बजाई।
गेण्डा, हाथी, हिप्पो राम,
सबके बड़े अनोखे काम।
लड़की थी एक बहुत दिलेर,
शासन में रखती थी शेर।
दिखलाती शेरों पर सोकर,
खड़ा काँपता थरथर जोकर।
छोटा जोकर भाता था,
सबको ख़ूब हँसाता था।