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दर्पण तुम्हारे बिना / रुस्तम

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दर्पण में तुम नहीं हो
दर्पण
मेरी कल्पना में

काला पत्ता
हरा फूल
रक्त पर बर्फ़ की बूँद
आँखें जो स्वच्छ और पत्थर हैं इस दुनिया से बाहर की चीज़
फिर आँखें जो स्वच्छ और पत्थर हैं इस दुनिया से बाहर की चीज़
और इसके भीतर

दर्पण
जो अब ख़ाली और विशुद्ध है