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‘क’ और ‘ख’ / नागराज मंजुले / टीकम शेखावत

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(क)

इश्तिहार में देने के लिए
खो गए व्यक्ति के

घर पर
नहीं होती
एक भी ढंग की तस्वीर.

(ख)

जिनके
घर पर
एक भी
ढंग की तस्वीर नहीं होती

ऐसे ही लोग
अक्सर खो जाते हैं..!

मूल मराठी से अनुवाद — टीकम शेखावत