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नहि बजैछी, की बाजब हे / रूपम झा
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नहि बजैछी, की बाजब हे
बहिर बौक आकाश बनल छी
आमक, नीमक गाछ शांत अछि
प्रात काल अछि पात शांत अछि
एहने दृष्य बनल अछि नित-नित
झलफल साँझ जका ओझल हम
लघुतम अंतिम साँस बनल छी
दाना चिड़ै चुनै अछि संगहि
संगही गाछक फूल खिलै अछि
मुदा एतय हम देख रहल छी
लोक-लोक सँ जरय मरै अछि
टुटल-फुटल विश्वास बनल छी
अगला-पिछला साल एक रंग
नहि देखैत छी किछु परिवर्तन
फाटल गुदरी सन लगैत अछि
आपन जीवन आनक जीवन
पतन शील इतिहास बनल छी