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तेरि याद / ओम बधानी
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आई तेरि याद, तब आई तेरि याद
क्वी कुटमुणी जु देखि फूल बणदा
क्वी भांैरू देखि फूल पर उड़दा
तब आई तेरि याद
कैकि गल्वाड़्यौं म एक लटुली लटकदा
कैकि आंख्यौं म माया जब देखि चमकदा
तब आई तेरि याद
कैकि मुखड़ि म सरम कि लालि चड़दा
क्वी तरूणि देखि जब ज्वानि क बथौं म उड़दा
तब आई तेरि याद
कैकि आंखि लुकि छिपि कैतैं खुजौंदा
झझक्दा डरदा देखि क्वी जब छुयौं मिसौंदा
तब आई तेरि याद
कंप कंपांदी उंठड़्यौं दांत्यौ म दबौंदा
क्वी तरूणि देखि जब नजर लुकौंदा
तब आई तेरि याद।