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त्येरि प्रीतौ रंग मा यनु रंग्योँऊँ / विजय गौड़

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त्येरि प्रीतौ रंग मा यनु रंग्योँऊँ ,
हल्दण्या , ललंगु अर झणि कै-२ रंग मा रंगे गेऊं।
मन अज्यूँ बि उनि ८ साल पैलि कु छोरा सि उतड़ेंदु त्वै  देखि कि,
या हैंकि बात च कि आज मि जरसि बुड्या हवै ग्येऊँ।।

आठ जिंदगि से भुरयां साल,
कबि उंदार, कबि उकाल।
हैंसि, रवैई, खैरि, विपदा कैकि बि कमि ना,
हरेक दिन मि त्वैमा जरसि हौरि डुबे गेऊं।
हल्दण्या , ललंगु ........।

तु बि यनि हिटणि रै मैं जना,
मि त उनि अटगुणु रौंदु त्वै जना।
यनि साम-सबेर, रात-दिनौं, अता-पता इ नि चलु जु,
जरसि तु मेरि हूंदि रै, भंडि सि मि तेरु जौंऊं।
तेरि प्रीतौ.....
हल्दणयां, ललंगु.....।