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अश्क़ आंखों में भर गये होंगे / रंजना वर्मा
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अश्क़ आँखों मे भर गए होंगे
सारे सपने बिखर गये होंगे
जब छुआ प्यार की निगाहों ने
दर्द दिल में उतर गये होंगे
जब खयालों ने पुकारा होगा
पाँव पथ पर ठहर गये होंगे
देख तुमको मिली तसल्ली तो
यूँ ही लम्हे गुज़र गये होंगे
आँख तस्वीर पर जमी होगी
कितने जज़्बे उभर गये होंगे
आग तो थी लगी शज़र में भी
घर परिन्दे मगर गये होंगे
रात दिन देखते हुए रस्ता
यूँ ही शामो सहर गये होंगे