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जुगराज रयां / संदीप रावत

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जुगराज रयां वू मनखी
जु अपणु फजितु कैकि अब्बि बि
गौं मा मुण्ड कोचिक बैठ्यां छन
अपणा पित्र कूड़ा
अर थर्प्यां द्यबतौं मा द्यू -धुपणो कन्ना छन |

जुगराज रयां वू
औजी, धामी -जागरी
जु अब्बि बि नौबत, धुंयाल बजौणा छन
घर -गौं तैं ज्यूंदो रखणा छन |

जुगराज रयां वू
मां- बैणी
जु अज्यूं बि कखि दूर गौं मा
थड्या, चौंफळा खेलणा छन |

जुगराज रयां वू सब्बि
जु अपणि ब्वे तैं नि छ्वड़णा छन
जु जांदरौं तैं द्यखणा छन
तब बि अपणा गौं मा छन |