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बचपन में बताया था किसी न / जया झा

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बचपन में बताया था किसी ने

कि तारे उतने पास नहीं होते

जितने दिखते हैं।

नहीं समझी थी मैं तब,

अब समझती हूँ।


बचपन में बताया था किसी ने

कि सूरज बड़ा दिखता चांद से

फिर भी वो ज़्यादा दूर है।

नहीं समझी थी मैं तब,

अब समझती हूँ।


बचपन में बताया था किसी ने

चलती गाड़ी पर कि पेड़ नहीं

हम भाग रहे हैं।

नहीं समझी थी तब

अब समझती हूँ।


कोई पास होकर भी दूर कैसे होता है

नज़दीक दिखती चीज़ें कितनी दूर होती हैं

और हम भाग रहे होते हैं चीज़ों से

पता भी नहीं चलता

मान बैठते हैं कि क़िस्मत बुरी है

और चीजें भाग रहीं हैं हमसे।


अब समझती हूँ।