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एक दिन कहा था उसने / विशाखा विधु
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सुना है उसका वादा है
क़यामत के रोज लौट आने का
हमेशा के लिए बंद होती
इन आँखों में समा जाने का
आयेगा तो पास मेरे पायेगा
महकते एहसास जो उसी की देन हैं
और थामे याद की चिंगारी
मिलेगी एक उम्मीद
और हाँ!
याद के धुएँ में
ये आँखें लाल नहीं सिर्फ गुलाबी होंगी
क्योंकि
गुलाबी रंग फबता है मुझ पर
एक दिन कहा था उसने...।